वो इंकार
दिल को जितना भाया था प्यार तेरा,
उससे ज्यादा रुला गया इंतजार तेरा।
हमारा इश्क मुकम्मल न हो पाया,
शायद कम पड़ गया एतवार तेरा।
आज भी वो सारे नजारे गवाहीदेतेहैं,
जहां मिलके परवान चढ़ा था प्यार तेरा।
आँखों में आँसू न आए जब दिल टूटा,
बिखर बिखर कर रोया दिल जार जार मेरा।
आज भी यकीन नही होता कि तू वेबफ़ा था,
लगता है किसी मजबूरी के चलते था इनकार तेरा।
वो झुकी झुकी पलकें, वो बिखरी बिखरी अलकें,
जो न कह पाईं कह गयीं वो दिले हाल तेरा।
बिछड़ गए तुम जमाने से हमसे पर नजाने क्यों,
इकरार से ज्यादा याद है वो बेबस इन्कार तेरा।
Renu Singh"Radhe "
24-Aug-2021 04:38 PM
बहुत खूब
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Swati chourasia
24-Aug-2021 01:45 PM
Very nice 👌
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Niraj Pandey
24-Aug-2021 01:28 PM
वाह
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